Wednesday, August 26, 2020

गली का कुत्ता

 आज कल भारत मे अजीबोगरीब कुत्ते पाले जा रहें हैं। बैंकों का कर्जा न चुकाने वाले, जिनहे आम लोग धनी बुलातें हैं, अपनी गाड़ी, कपड़े, उच्चारण के अलावा कुत्ते भी विदेश से लातें हैं । भारत में बोंबड़े, शाही, आदि, जैसे पालतू  कुत्तों की कमी तो है नहीं तो फिर विदेशी कुत्तों की क्या जरूरत हो सकती है? संभव है की वातानुकूल घरों मे भारतीय कुत्तों से सर्दी सहन नहीं हो पाती। यदि सारी जनता को भी विदेशी चमड़ी का शौक चढ़ गया तो गल्ली के कुत्तों की देखभाल कौन करेगा?

गल्ली का कुत्ता बनने के लिए कुत्ते को कुछ उपक्रम दिखाना पड़ता है। अंजान व्यक्तियों के आगमन पर भोंकना, रोटी देने वालों के परिवार के सदस्यों के पीछे दुम हिलना, भटकी हुई गाय, बकरी को डराकर फिर बाहर निकालना यह सारे अनिवार्य काम कुछ सप्ताह तक करने के बाद ही कोई निराश्रय कुत्ता एक गल्ली का कुत्ता बन सकता है। 

यह पद कोई स्थायी पद नहीं। मध्यरात में पड़ोस की गली के कुत्तों के साथ ज़ोर से भोंकना, गल्ली के शराबी की बातें गौर से न सुनना, उपद्रवी बच्चों को कांटना, इत्यादि वर्तन से यह पद खोया जा सकता है। 

हमारे भवन के तल कोष्ट पर यानशाला है। इसके कोई कोने मे हर रात भालू नामक कुत्ता सोता था। दिन मे भालू अपने कुत्ते वाले कामों मे मस्त रहता था। इस प्राणी का नाम किस भले आदमी ने रखा यह तो अब राम ही जाने, लेकिन अब लोग उसे वहीं नाम से बुलाते थे और वह भी अपना नाम जानता था I हो सकता है कि यही भालू को बगल की गल्ली वाले उसे अन्य नाम से बुलाते हों पर कुत्ते का क्या है ना आधर कार्ड ना राशन कार्ड, जो मर्जी वो कार्य I 

भालू के लिए मेरी माँ हर रोज़ दो रोटीयाँ बनाती और संध्या का घरकाम संपूर्ण करने के बाद, उसे खिलाने जाती  I इस नगण्य बरताव का बदला भालू बहुत प्यार से देता था I जब माँ पैदल बस स्टॉप जाती तो भालू उसके पीछे जाता और बस आने तक वहां बैठा रहता था I जब माँ लौटती थी तब खुशी खुशी भौंक कर और दुम बड़ी उत्साही से हिलाता था I क्या आपने ऐसा कोई विदेशी कुत्ता देखा है? 

चलो छोड़िये I क्या बेकार में तुलना करना I जिन्होंने इस देश की गालियों को गाड़ी के शीशे के पीछे से ही देखा है वह लोग क्यूँ इस फिजूल बात में पड़े  I जब गाड़ी पे लाल बत्ती हो, जनता के पैसों से घर, नौकर और सुरक्षाकर्मियों हो तो जनता जैस थोड़ी ना रह सकते हैं? आखिर जनता को भी अपने शासक का पद समझाना एक शासक का ही तो सेवापूर्वक काम है I 

गली के कुत्ते का क्या है I  आज है, कल गाड़ी से कुचल गया I 


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