Monday, November 27, 2023

डरे हुए लोग

जो मूह नहीं खोल पाते, वह क्या चलाएँगे ज़बान

वह उखड़ेगा परचम, जिसने बेच दिया हो ईमान?

जो सीधे खड़े नहीं हो पाते, वह कैसे तानेंगे सीना

इन लोगों के लिए, झुकने का नाम ही है जीना

डरे हुए लोगों की आँखें मीची है मंदिर के बाहर

लड़ते रहो बे उम्र उमर, शीघ्र समाप्त हो यह ग्रीष्म लहर ।